“DAP की कमी पर सरकार का मास्टर प्लान: विकल्पी उर्वरकों के भंडारण से किसानों को राहत, विष्णु देव साय बोले- किसानों को चिंता की जरूरत नहीं”




त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/ रायपुर। छत्तीसगढ़ में डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट) की आपूर्ति में वैश्विक परिस्थितियों के कारण उत्पन्न चुनौतियों के बीच राज्य सरकार ने किसानों की खाद जरूरतों को पूरा करने के लिए व्यापक तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में किसी भी किसान को खाद की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। सरकार ने डीएपी के विकल्प के रूप में एनपीके, म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) और अन्य रासायनिक उर्वरकों के अतिरिक्त भंडारण की रणनीति अपनाई है।
📦 DAP के विकल्प तैयार, एनपीके और पोटाश का रिकॉर्ड भंडारण
कृषि विभाग के अनुसार, प्रदेश में डीएपी का वर्तमान भंडार 1.63 लाख टन है और जुलाई माह में 48,000 टन से अधिक डीएपी की आपूर्ति की योजना बनाई गई है। इसके अलावा एनपीके का भंडार भी लक्ष्य से अधिक हो चुका है। अब तक 25,266 मिलियन टन एनपीके और 71,363 मिलियन टन अन्य उर्वरकों का अतिरिक्त भंडारण किया गया है।
राज्य में पोटाश का भंडार भी लक्ष्यों से आगे बढ़ा है। निर्धारित 60,000 टन पोटेशियम के मुकाबले अब तक 77,000 टन पोटेशियम टन म्यूरेट ऑफ पोटाश उपलब्ध कर लिया गया है। यह भंडारण किसानों को समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।
🌱 धान की फसल में विशेष रणनीति, तीन चरणों में खाद आपूर्ति
धान की खेती के लिए डीएपी और अन्य उर्वरकों का तीन चरणों में उपयोग किया जाता है –
✅ पहला चरण: बोआई और रोपाई के समय।
✅ दूसरा चरण: कैन्सा बंदरगाह (रोपाई के 3-4 सप्ताह बाद)।
✅ तीसरा चरण: गभोट अवस्था (रोपाई के 7-8 सप्ताह बाद)।
सरकार ने इन चरणों के लिए वैकल्पिक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित की है ताकि किसी भी किसान को उत्पादन में कमी का डर न हो।
🚜 मुख्यमंत्री साय ने दी किसानों को आश्वासन
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा –
“किसानों को डीएपी की कमी को लेकर कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है। छत्तीसगढ़ सरकार ने एनपीके, म्यूरेट ऑफ पोटाश और अन्य रासायनिक मानकों का पर्याप्त भंडारण कर लिया है। किसानों को समय पर गुणवत्तापूर्ण खाद उपलब्ध कराने के लिए हर स्तर पर निगरानी की जा रही है।”
उन्होंने यह भी बताया कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों और कृषि विभाग के अधिकारियों के सुझावों पर आधारित वैकल्पिक उर्वरकों का उपयोग करने से फसल का बेहतर उत्पादन संभव है।
📈 अतिरिक्त भंडारण के आंकड़े (जुलाई तक)
🔹 डीएपी – 1.63 लाख टन भंडारण | जुलाई में 48,850 मिलियन टन आपूर्ति।
🔹 एनपीके – अतिरिक्त 50,000 टन उपलब्ध।
🔹 म्यूरेट ऑफ पोटाश – लक्ष्य से 17,000 टन अधिक भंडारण।
🔹 कुल भंडारण – पिछले वर्ष की तुलना में 12.79 लाख टन से बढ़कर 13.18 लाख टन।
🏬 सभी जिलों में पर्याप्त खाद-बीज उपलब्ध
कृषि विभाग ने जानकारी दी कि प्रदेश के सभी जिलों में सोसायटियों और सहकारी समितियों द्वारा खाद-बीज का पर्याप्त भंडारण कर लिया गया है। वर्तमान सीजन में किसानों की मांग के अनुसार सप्लाई सुनिश्चित की जा रही है।
🔸 प्रदेश में डीएपी और अन्य उर्वरकों की सतत आपूर्ति के लिए 62% सोसाइटियों में वितरण नेटवर्क सक्रिय।
🔸 धान उत्पादन के लिए विकल्पी उर्वरकों को बीज उपचार और जड़ सिंचन तक में उपयोगी बताया गया।
🔸 जुलाई-अगस्त में अतिरिक्त पेट्रोलियम आधारित उर्वरकों की आपूर्ति भी की जाएगी।
राज्य सरकार के इस मास्टर प्लान से यह स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ में किसानों को खाद की कमी से घबराने की आवश्यकता नहीं है। सरकार के वैकल्पिक भंडारण और आपूर्ति प्रबंधन से किसानों को धान और अन्य खरीफ फसलों के लिए खाद समय पर और पर्याप्त मात्रा में मिलेगा। मुख्यमंत्री साय ने भरोसा दिलाया कि “कृषि उत्पादन में कोई बाधा नहीं आने दी जाएगी।”
