July 20, 2025

त्रिनेत्र टाईम्स

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सफलता के जलन पर सर्वश्रेष्ठ विचार -अटूट बंधन

सफल कौन नही होना चाहता पर ।पर सफलता मिलना आसान नही ये एक लम्बे संघर्ष की दास्ताँ है। जब कोई ब्यक्ति अपना संघर्ष शुरू करता है तो साथ देने के लिए उसकी निगाहें सबसे पहले अपने नाते – रिश्तेदारों,दोस्तों और परिचितों की तरफ आशा से देखती है । परंतु उसमें से इक्का-दुक्का लोग ही साथ आते हैं बाकी इंतजार करते हैं ये इंतजार करने वाले भी दो पालों में बट जाते हैं एक वो जो सोचते हैं कि कब आप असफल हो और वह सिद्ध करें कि देखो मैंने तो पहले ही कहा था और दूसरे वह जो आपके सफल होने पर आपके पास इसलिए आए क्योंकि उन्हें अपना कोई स्वार्थ दिख रहा है परंतु अंदर ही अंदर दोनों के ईर्ष्या और जलन पल रही होती है सफलता अकेलापन लाती है व्यक्ति जैसे जैसे सफल होता जाता है अकेला होता जाता है जितने सफल व्यक्ति हुए हैं उन्होंने अपनों के बीच बेगानापन महसूस किया है ये जलने वाले उसके अपने होते हैं । ईर्ष्या तब है जब आप वो चाहते हैं जो दूसरों के पास है ।जलन तब है जब आप चाहते हैं कि वो उनके पास भी न हो ।आपको लग सकता है कि आप जितने ज्यादा सफल होते जाएंगे उतने ही लोग आपके लिए खुश होंगे , ये बहुत दुखद है कि लोग खुश होने के स्थान पर लोग जलन करने लगेंगे ।सच्ची ये है कि वो आपके गिरने का इंतजार करने लगेंगे अगर आपको एक भी व्यक्ति ऐसा मिल जाता है जो आपकी सफलता पर दिल से खुश हो ,तो उसके सोने के सामान संभाल कर रखिए ये बहुत मूर्खतापूर्ण बात है कि किसी तो नीचा गिराने से आप ऊपर उठ जाएंगे । किसी की मोमबत्ती को बुझाने का प्रयास करने का अर्थ ये नहीं है कि आपकी मोमबत्ती जल गई है ।

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